Friday, July 19, 2013

038-लब-ए-ख़ुश्क

लब-ए-ख़ुश्क दर-तश्नगी-मुर्दगाँ का
ज़ियारत-कद: हूँ, दिल आज़ुर्दगाँ का

हम: नाउमीदी, हम: बदगुमानी
मैं दिल हूँ, फ़रेब-ए-वफ़ा-ख़ुर्दगाँ का

शिगुफ़्तन कमीं-गाह-ए-तक़रीब-जूई
तसव्वुर हूँ बे-मूजिब आज़ुर्दगाँ का

ग़रीब-ए-सितम-दीद:-ए-बाज़-गश्तन
सुख़न हूँ सुख़न बर लब-आवुरदगाँ का

सरापा यक-आईन:-दार-ए-शिकस्तन
इरादह हूँ यक-`आलम-अफ़्सुर्दगाँ का

ब सूरत तक़ल्लुफ़ ब मा`नी तअस्सुफ़
असद मैं तबस्सुम हूँ पज़हमुर्दगाँ का

-मिर्ज़ा ग़ालिब

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