मीर-ओ-ग़ालिब
मीर और ग़ालिब की ग़ज़लों, अश'आर और रूबाइयों का संकलन
Bazm
शेर-ओ-शायरी के प्रेमी ये ब्लॉग भी देखें: बज़्म-ए-अदब
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
Spiritual Science
Thursday, July 18, 2013
136-घर में था क्या
घर में था क्या, कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता
वह जो रखते थे हम इक हसरत-ए-ता`मीर, सो है
-मिर्ज़ा ग़ालिब
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
No comments:
Post a Comment