Thursday, July 18, 2013

070-वुस`अत-ए-स`ई-ए-करम देख

वुस`अत-ए-स`ई-ए-करम देख, कि सर-ता-सर-ए-ख़ाक
गुज़रे है आबल:-पा अब्र-ए-गुहर-बार हनोज़

यक-क़लम काग़ज़-ए-आतिश-ज़द:, है सफ़ह:-ए-दश्त
नक़्श-ए-पा में है तब-ए-गर्मी-ए-रफ़्तार हनोज़

-मिर्ज़ा ग़ालिब

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