ब नाल: हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर
मता`-ए-ख़ान:-ए-ज़ंजीर, जुज़ सदा मा`लूम
ब क़दर-ए-हौसल:-ए-`इश्क़ जल्व:-रेज़ी है
वगरन: ख़ान:-ए-आईन: की फ़ज़ा मा`लूम
असद फ़रेफ़तह-ए-इन्तिख़ाब-ए-तर्ज़-ए-जफ़ा
वगरन: दिल-बरी-ए-वा`द:-ए-वफ़ा मा`लूम
-मिर्ज़ा ग़ालिब
मता`-ए-ख़ान:-ए-ज़ंजीर, जुज़ सदा मा`लूम
ब क़दर-ए-हौसल:-ए-`इश्क़ जल्व:-रेज़ी है
वगरन: ख़ान:-ए-आईन: की फ़ज़ा मा`लूम
असद फ़रेफ़तह-ए-इन्तिख़ाब-ए-तर्ज़-ए-जफ़ा
वगरन: दिल-बरी-ए-वा`द:-ए-वफ़ा मा`लूम
-मिर्ज़ा ग़ालिब
No comments:
Post a Comment