कल के लिये कर आज न ख़िस्सत शराब में
यह सू-ए-ज़न है साक़ी-ए-कौसर के बाब में
हैं आज क्यों ज़लील, कि कल तक न थी पसन्द
गुस्ताख़ी-ए-फ़रिश्त: हमारी जनाब में
जाँ क्यों निकलने लगती है, तन से दम-ए-समा`अ
गर वह सदा समाई है चँग-ओ-रबाब में
रौ में है रख़्श-ए-`उम्र, कहाँ, देखिये, थमे
ने हाथ बाग पर है, न पा है रकाब में
उतना ही मुझ को अपनी हक़ीक़त से बो`द है
जितना कि वहम-ए-ग़ैर से हूँ पेच-ओ-ताब में
अस्ल-ए-शुहूद-ओ-शाहिद-ओ-मशहूद एक है
हैराँ हूँ, फिर मुशाहद: है किस हिसाब में
है मुश्तमिल नुमूद-ए-सुवर पर वुजूद-ए-बहर
याँ क्या धरा है क़तर:-ओ-मौज-ओ-हुबाब में
शर्म इक अदा-ए-नाज़ है, अपने ही से सही
हैं कितने बे-हिजाब, कि हैं यूँ हिजाब में
आराइश-ए-जमाल से फ़ारिग़ नहीं हनोज़
पेश-ए-नज़र है आइन: दाइम नक़ाब में
है ग़ैब-ए-ग़ैब, जिस को समझते हैं हम शुहूद
हैं ख़्वाब में हनोज़, जो जागे हैं ख़्वाब में
ग़ालिब, नदीम-ए-दोस्त से आती है बू-ए-दोस्त
मशग़ूल-ए-हक़ हूँ, बन्दगी-ए-बू-तुराब में
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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For more details please refer to: http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ghalib/098/98_10.html
हैं आज क्यों ज़लील, कि कल तक न थी पसन्द
गुस्ताख़ी-ए-फ़रिश्त: हमारी जनाब में
जाँ क्यों निकलने लगती है, तन से दम-ए-समा`अ
गर वह सदा समाई है चँग-ओ-रबाब में
रौ में है रख़्श-ए-`उम्र, कहाँ, देखिये, थमे
ने हाथ बाग पर है, न पा है रकाब में
उतना ही मुझ को अपनी हक़ीक़त से बो`द है
जितना कि वहम-ए-ग़ैर से हूँ पेच-ओ-ताब में
अस्ल-ए-शुहूद-ओ-शाहिद-ओ-मशहूद एक है
हैराँ हूँ, फिर मुशाहद: है किस हिसाब में
है मुश्तमिल नुमूद-ए-सुवर पर वुजूद-ए-बहर
याँ क्या धरा है क़तर:-ओ-मौज-ओ-हुबाब में
शर्म इक अदा-ए-नाज़ है, अपने ही से सही
हैं कितने बे-हिजाब, कि हैं यूँ हिजाब में
आराइश-ए-जमाल से फ़ारिग़ नहीं हनोज़
पेश-ए-नज़र है आइन: दाइम नक़ाब में
है ग़ैब-ए-ग़ैब, जिस को समझते हैं हम शुहूद
हैं ख़्वाब में हनोज़, जो जागे हैं ख़्वाब में
ग़ालिब, नदीम-ए-दोस्त से आती है बू-ए-दोस्त
मशग़ूल-ए-हक़ हूँ, बन्दगी-ए-बू-तुराब में
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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For more details please refer to: http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ghalib/098/98_10.html
Malika Pukhraj/ मलिक पुखराज
1 comment:
kitni shiddat se mahsoos karte hue is sher ka arth samjhaya hai.
sher bhi achcha hi raha hoga par ham to ise hindi anuvad se hi jaan paaye
wah wah.......
thanks to u joshi
sp
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