Thursday, July 18, 2013

107-यह हम जो हिज्र में

यह हम जो हिज्र में, दीवार-ओ-दर को देखते हैं
कभी सबा को, कभी नाम:बर को देखते हैं

वह आए घर में हमारे, ख़ुदा की क़ुदरत है
कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं

नज़र लगे न कहीं, उस के दस्त-ओ-बाज़ू को
यह लोग क्यों मिरे ज़ख़्म-ए-जिगर को देखते हैं

तिरे जवाहिर-ए- तर्फ़-ए-कुलह को क्या देखें
हम औज-ए-ताले`-ए-ल़ा`ल-ओ-गुहर को देखते हैं

-मिर्ज़ा ग़ालिब

------------------------------------------------------------------------------------












Rahat Fateh Ali Khan/ राहत फ़तेह अली ख़ाँ

https://youtu.be/DD8ngvTyVhw




Lata Mangeshkar/ लता मंगेशकर

https://youtu.be/yZ2ouBp1P6w


https://youtu.be/vhjLcLKG1UY




Surendra Kumar/ सुरेन्द्र कुमार

https://youtu.be/ow8rfsfZPXw



Lyrics

No comments:

Post a Comment