ज़मान: सख़्त कम-आज़ार है बजान-ए-असद
वगरन: हम तो तवक़्क़ो` ज़ियाद: रखते हैं
तन-ए-ब बन्द-ए-हवस दर नदादह रखते हैं
दिल-ए-ज़ कार-अ जहाँ ऊफ़तादह रखते हैं
तमीज़-ए-ज़िशती-ओ-नेकी में लाख बातें हैं
ब `अक्स-ए-आइन: यक फ़र्द-ए-साद: रखते हैं
ब रंग-ए-साय: हमें बन्दगी में है तस्लीम
कि दाग़-ए-दिल ब जबीन-ए-कुशाद: रखते हैं
ब ज़ाहिदाँ रग-ए-गर्दन है रिश्त:-ए-ज़ुन्नार
सर-ए-ब पा-ए-बुत-ए-ना-निहादह रखते हैं
मु`आफ़-ए-बेहुदह-गोई हैं नासिहान-ए-`अज़ीज़
दिल-ए-ब दस्त-ए-निगारे नदादह रखते हैं
ब रंग-ए-सब्ज़: `अज़ीज़ान-ए-बद-ज़बाँ यक-दस्त
हज़ार तेग़-ए-ब ज़हर-आब-दादह रखते हैं
अदब ने सौंपी हमें सुर्म:-साई-ए-हैरत
ज़बन-ए-बस्तह-ओ-चश्म-ए-कुशाद: रखते हैं
-मिर्ज़ा ग़ालिब
वगरन: हम तो तवक़्क़ो` ज़ियाद: रखते हैं
तन-ए-ब बन्द-ए-हवस दर नदादह रखते हैं
दिल-ए-ज़ कार-अ जहाँ ऊफ़तादह रखते हैं
तमीज़-ए-ज़िशती-ओ-नेकी में लाख बातें हैं
ब `अक्स-ए-आइन: यक फ़र्द-ए-साद: रखते हैं
ब रंग-ए-साय: हमें बन्दगी में है तस्लीम
कि दाग़-ए-दिल ब जबीन-ए-कुशाद: रखते हैं
ब ज़ाहिदाँ रग-ए-गर्दन है रिश्त:-ए-ज़ुन्नार
सर-ए-ब पा-ए-बुत-ए-ना-निहादह रखते हैं
मु`आफ़-ए-बेहुदह-गोई हैं नासिहान-ए-`अज़ीज़
दिल-ए-ब दस्त-ए-निगारे नदादह रखते हैं
ब रंग-ए-सब्ज़: `अज़ीज़ान-ए-बद-ज़बाँ यक-दस्त
हज़ार तेग़-ए-ब ज़हर-आब-दादह रखते हैं
अदब ने सौंपी हमें सुर्म:-साई-ए-हैरत
ज़बन-ए-बस्तह-ओ-चश्म-ए-कुशाद: रखते हैं
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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