Thursday, July 18, 2013

151-ज़िन्दगी अपनी जब इस शक्ल से

ज़िन्दगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री ग़ालिब
हम भी क्या याद करेंगे, कि ख़ुदा रखते थे
-मिर्ज़ा ग़ालिब

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