मीर-ओ-ग़ालिब
मीर और ग़ालिब की ग़ज़लों, अश'आर और रूबाइयों का संकलन
Bazm
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Spiritual Science
Thursday, July 18, 2013
151-ज़िन्दगी अपनी जब इस शक्ल से
ज़िन्दगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री ग़ालिब
हम भी क्या याद करेंगे, कि ख़ुदा रखते थे
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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