Thursday, July 18, 2013

129-अज़ मेहर ता ब ज़र्र:

अज़ मेहर ता ब ज़र्र: दिल-ओ-दिल है आइन:
तूती को शश जिहत से मुक़ाबिल है आइन:
-मिर्ज़ा ग़ालिब

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