हुस्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता`-ए-जल्व: है
आइन: ज़ानू-ए-फ़िक़्र-ए-इख़्तिरा`-ए-जल्व: है
ता कुजा, अय आगही, रंग-ए-तमाशा बाख़्तन
चश्म-ए-वा-गर्दीद: आग़ोश-ए-विदा`-ए-जल्व: है
-मिर्ज़ा ग़ालिब
आइन: ज़ानू-ए-फ़िक़्र-ए-इख़्तिरा`-ए-जल्व: है
ता कुजा, अय आगही, रंग-ए-तमाशा बाख़्तन
चश्म-ए-वा-गर्दीद: आग़ोश-ए-विदा`-ए-जल्व: है
-मिर्ज़ा ग़ालिब
No comments:
Post a Comment