लब-ए-`ईसा की जुंबिश करती है गहवार:-जुंबानी
क़यामत कुश्त:-ए-ला`ल-ए-बुताँ का ख़्वाब-ए-संगीं है
बयाबान-ए-फ़ना है बा`द-ए-सहरा-ए-तलब ग़ालिब
पसीन:-तौसन-ए-हिम्मत तो सैल-ए-ख़ान:-ए-ज़ीं है
-मिर्ज़ा ग़ालिब
क़यामत कुश्त:-ए-ला`ल-ए-बुताँ का ख़्वाब-ए-संगीं है
बयाबान-ए-फ़ना है बा`द-ए-सहरा-ए-तलब ग़ालिब
पसीन:-तौसन-ए-हिम्मत तो सैल-ए-ख़ान:-ए-ज़ीं है
-मिर्ज़ा ग़ालिब
No comments:
Post a Comment